HUMARI DOSTI

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Tuesday, December 29

तुम किन यांदो मे खो जाती हो?




आँखों से दिल की धड़कन तक,
धड़कन से नींदों की khwahish  तक
सिर्फ  तुम ही तुम नजर आती हो,
मेरा चैन चुरा कर तुम किन
किन यांदो में खो जाती हो?

सांसो मे तुम्हारा नाम
होठो पे प्यार का  पैगाम,
क्यों तुम मुझे ये सुकून दे जाती हो
क्यों मुझे इतना तड़पाती हो?

बोलो भला मेरा चैन चुरा कर,
 तुम किन यांदो मे खो जाती हो?

तुम्हारे एक झलक से मेरा दिल खिल उठता है,
जैसे फूलो की बहार को तुम एक नया रंग दे जाती हो
अपनी यांदो को मेरे दिल  मे खुशबू का संग दे  जाती हो
आखिर तुम मुझे क्यों इतना तड़पाती   हो
बोलो भला मेरा चैन चुरा कर,
 तुम किन यांदो मे खो जाती हो?

Sunday, December 13

जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ








जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ,
                       अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ /


पल भर  मे तुम से पराई हो गई ,
देखो आज किसी और की अपनी हो गई,
भैया भी आज वहां  खड़े है,
न जाने किस सोच मे  पड़े है ,


पापा के लिए दवा थी मै उनके हर गम की,

पर आज  मैंने  भी  उनकी आँखे नम   की ,
बचपन मे जिन गुडियो का खेल खेला है,
आज वही मेरे जीवन मे आई बेला है /




जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ
अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ 


घर का आँगन आज मेरा दामन पकडे खड़ा  है ,
पर आज कोई अजनबी भी  मेरा हाथ  थामे खड़ा  है /


रास्ते मे है वो बचपन की सहेलिया खेल खिलोने,
पर अब  जाने   न  मिल पाऊ मैं उनसे कितने महीने /
आज मेरे  सामने कितनी बड़ी ये उलझन है  ,
माँ मैं तो तुम्हारी आँखों का तारा हूँ,
पापा की राज दुलारी बिटिया हूँ,
पर ये भी सच है ,
मै अब  किसी और के घर की लक्ष्मी हूँ ,
किसी और के घर की खुशिया हूँ /




 ये मेरी   बहना माँ से  उस रात कहती है,
जिस रात उसकी शादी है


जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ
अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ 

Saturday, December 12

वो बहुत ही भोली भाली है




एक छोटी सी  गुड़िया , गुड़िया के बहुत से सवाल 
सवाल कम वो है बहुत बड़े बवाल /
एक  चेहरा जो सवालो से भरा है
जिसमे थोड़ी सी शरारत है,थोड़ा सा बचपना है /

उस चेहरे की रानी एक प्यारी सी गुड़िया है ,
जो हमेशा मुझे सवालो के जाल मैं फसाती है / 

वो बहुत ही भोली भाली  है

जब मैं यहाँ आया था ,
सब से अनजान था ,
तब एक रिश्ता मैंने  उससे पाया था ,
अनजाने शहर मे उसने मुझे अपनाया था, 
अपना भाई  मुझे बनाया था /


उसका प्यार से मुझे  भइया कहना, 
 फिर मेरा धीरे से   मुस्कराना
उसके चेहरे पर  एक रोनक  ला देती है,
जैसे किसी रोते को हंसा जाती है /

दोस्त के  साथ  हूँ, अब मैं उसका  भाई,
उसकी हर ख़ुशी को पूरा करने की कसम है खाई 

उसकी ख़ुशी के बाद कोई ख़ुशी है 
गुड़िया रानी जब जब आँखे बंद करके याद  करोगी ,
मुझको  तुम अपने पास पाओगी,

जानता हूँ  ये बांते दुनिया को झूठी   लगती  है  
पर  मेरी प्यारी  गुड़िया सच  मानती है,
मुझको वो पहचानती है. 
मेरी प्यारी  गुड़िया कितनी भोली भाली है /


Monday, December 7

हम उन्हें भी चाहते है , दुश्मनों को क्या पता ?




ये सफ़र कितना कठिन है ,
रास्तो का क्या पता /
कैसे हम बचे है,
हादसों को क्या पता ? 

आंधिया चलती है ,
फिर सोचती कुछ भी नहीं 
टूटते है कितने पेड़ ,
आंधियो  को क्या पता ?

अपनी मर्जी से वो चूमे ,
अपने मन  से छोड़ दे 
किस कदर बेवस है ये गुल ,
तितलियो को क्या पता ?

एक पल मे राख कर दे ,
वो किसी का आशिया 
कैसे घर बनता है दोस्तों 
बिजलियो को क्या पता ?

आईने ये सोचते है
सच  कहा करते है वो,
उनके चेहरे पर है चेहर  
आइनों को क्या पता ?

जैसे वो है वैसे तो हम हो सकते नहीं मनु 
हम उन्हें भी चाहते  है  , दुश्मनों को क्या पता ?

Sunday, December 6

कैसा ये अजीब रिश्ता है?




  क्यों  ज़माने का डर लगता है?
 अन्जाना होते हुए भी वो अपना लगता है, 
क्यों अपनी बांते  किसी को बताने को ?
किसी की बांते सुनाने को, 
ये दिल बार बार कहता है /
वो शरारते , वो बांते
भुलाई नहीं जा सकती, 
क्यों कुछ बांते किसी को बताई नहीं जा सकती?
 फिर भी उससे छिपाई नहीं जा सकती?
कैसा ये अजीब रिश्ता है?
लगता कोई वो फ़रिश्ता है /
क्यों वो मुझसे दूर है?
फिर भी मेरी चिंता करने पर मजबूर है,
क्यों सामने आने से डरता है?
छुप कर  मेरी सारी इच्छा पूरी करता है..........
कैसा ये अजीब रिश्ता है? 

अनुराग सिंह




अनुराग सिंह





सिंह की दहाड़  है ,
अनुराग की पुकार है
जिस तरफ उठे नजर, 
बस कमेंट्स का वार है
क्रीम से  दोस्ती ,
बाथरूम से प्यार है 
सूरत से लगता.
सब आर पार है /
पर सब इन से बच कर रहना ,
क्योकि ये इन्सान  खूंखार है /
पोल खोलने   में  माहिर है,
कौन    है    दोस्त  इनकी, 
ये भी सब को जाहिर है,
सूरत से है  प्यारे ये,
लगते है  राज दुलारे ये /