Tuesday, December 6
क्या कहती है मेरी प्यारी बहन की जिन्दगी
न जाने कितने राज छिपाती है जिन्दगी,
हर पल कुछ नया सिखाती है जिन्दगी,
पल पल हँसाना , पल पल रुलाना,
न जाने कितने खेल दिखाती है जिन्दगी /
हर उलझे सवालो का जवाब है जिन्दगी,
म्नुह न मोड़ ध्यान से देख कितनी प्यारी है जिन्दगी /
कभी धुप, कभी छाव ,
बिन बादल पानी बरसाती है जिन्दगी /
पिता के प्यार और माँ के प्यार में,
फुल सा खिल कर मुस्कराती है जिन्दगी /
पल में किसी का दूर हो जाना,
पल में किसी का जिन्दगी मे आना /
न जाने किस किस को भूलाती है जिन्दगी ?
अपने में उलझी कहानी है ये जिन्दगी /
सारी उम्र खुद को सुलझाती है जिन्दगी
प्यार की प्यास मे, स्नेह की आस में,
खुद को निरास पा कर मन को बहलाती है जिन्दगी ,
खुद मे घुट घुट कर रहने के लिए ,
हर पल कुछ नया सिखाती है जिन्दगी /
मुह न मोड़ पास से देख अपने प़र इतराती है जिन्दगी
आज बहुत कुछ सुनाती है जिन्दगी /
दुखी हू कोई पास नहीं है ,
खुश हू कुछ खास नहीं है ,
बस इसी कसमकस में ,
बार बार उलझ जाती है मेरी जिन्दगी
पता नहीं क्या क्या गुनगुनाती है जिन्दगी /
फिर भी मेरी कहानी सुनाती है मेरी जिन्दगी
ये कहती है मेरे प्यारी बहन की जिन्दगी
एक प्यारा सा एहसास है उसकी ये जिन्दगी
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