Friendship is a like relationship
between the hand and eye
Its like when the hand gets hurt
The eyes cries AND when the eyes cries
the hand wipes the tears.
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है , मै कितना नादान था , तेरी बाँतो से कितना अन्जान था / अपनी शरारतो से मै तुझे हँसता था , कभी कितना रुलाता था , याद है आज भी वो दिन, मै जब तेरी उंगली पकड़ कर चलता था , तेरी गोद मे सर रख कर कहानी सुनता था /
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है मै कितना नादान था , तेरी बाँतो से कितना अन्जान था तुने मुझे कितना समझाया था, पापा की मार से बचाया था खुद रातो को जग कर , मुझे सुलाया था मेरी खुशियों को पूरा करने के लिए, कितनी ही बार , अपनी खुशियों का बलिदान किया था /
आज भी याद है मुझे वो रात , जिस दिन तेरे, थोडा सा डाटने पर , घर से भाग गया था /
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है मै कितना नादान था , तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
घर में थी कितनी खुशिया ,सब मेरे साथ थे
पर माँ , मै जब घर से दूर था सड़क पर खुले आसमान के नीचे सोता था , तब तेरी बांहों की बहुत याद आती थी, जब मै भूखा रहता था तब तेरे , हांथो का खाना बहुत याद आता था , जब रांतो को छिप कर रोता था तब तेरा छिप कर, रोना याद आता था, जब मै पानी के लिए भी, पसीने की धार बहता था, कंठ मेरे सुख जाते थे जब , तब तेरा दूध पिलाना याद आता था / जब मै सच्चाई से लड़ता था, तब मेरे लिए , तुम्हारा पापा से लड़ना याद आताथा,
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है मै कितना नादान था ,तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
माँ आज मै घर आ गया हूँ , फिर तुम से कहानी सुनना चाहता हूँ , पर मै नहीं जानता था कि, मेरे बिना तुम जी नहीं सकी, मेरे जाने पर तुम , अपनी जिन्दगी से लड़ न सकी /
SHALINE James is winner of the ‘Best Constructed Design’ Award for the final collection at NIFT (1998). Selected as one among the top 100 women entrepreneurs in Kerala by Dhanam Business Magazine (August 2006) And Manoj kumar Founder of CTCS
I am searching my self ,I want to fly very high in open sky,want to do something different from others. Some people break rules...some make them...i belong to the second category. i love playing with words,they have been my friends for life.... some day i will make a movie...or a couple of them...and write a book...and do so many things... i want to live my life...every moment of it...AND BY MY OWN..............
Currently Founder and President at NGO Cult The Cultural Society (reg.)
sach kaha maa maa hoti hai uska dil bache ke liye kitna tadpata hai wo kya jane..magar bache ko uska ahsaas kai baar der se hota hai
ReplyDeletevery very very nice.....i like it very much...
ReplyDeletethanks for giving this.....
mujhe khusi hui ki aap logo ko pasand aai .thanks for your time and view
ReplyDeleteyaar so sweet ................really its true .
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