माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है ,
मै कितना नादान था ,
तेरी बाँतो से कितना अन्जान था /
अपनी शरारतो से मै तुझे हँसता था ,
कभी कितना रुलाता था ,
याद है आज भी वो दिन,
मै जब तेरी उंगली पकड़ कर चलता था ,
तेरी गोद मे सर रख कर कहानी सुनता था /
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है
मै कितना नादान था ,
तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
तुने मुझे कितना समझाया था,
पापा की मार से बचाया था
खुद रातो को जग कर ,
मुझे सुलाया था
मेरी खुशियों को पूरा करने के लिए,
कितनी ही बार ,
अपनी खुशियों का बलिदान किया था /
आज भी याद है मुझे वो रात ,
जिस दिन तेरे,
थोडा सा डाटने पर ,
घर से भाग गया था /
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है
मै कितना नादान था ,
तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
घर में थी कितनी खुशिया ,सब मेरे साथ थे
पर माँ ,
मै जब घर से दूर था
सड़क पर खुले आसमान के नीचे सोता था ,
तब तेरी बांहों की बहुत याद आती थी,
जब मै भूखा रहता था तब तेरे ,
हांथो का खाना बहुत याद आता था ,
जब रांतो को छिप कर रोता था
तब तेरा छिप कर,
रोना याद आता था,
जब मै पानी के लिए भी,
पसीने की धार बहता था,
कंठ मेरे सुख जाते थे जब ,
तब तेरा दूध पिलाना याद आता था /
जब मै सच्चाई से लड़ता था,
तब मेरे लिए ,
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माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है
मै कितना नादान था ,तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
माँ आज मै घर आ गया हूँ ,
फिर तुम से कहानी सुनना चाहता हूँ ,
पर मै नहीं जानता था कि,
मेरे बिना तुम जी नहीं सकी,
मेरे जाने पर तुम ,
अपनी जिन्दगी से लड़ न सकी /
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आती है /
मै कितना नादान था ,
तेरी बाँतो से कितना अन्जान था
sach kaha maa maa hoti hai uska dil bache ke liye kitna tadpata hai wo kya jane..magar bache ko uska ahsaas kai baar der se hota hai
ReplyDeletevery very very nice.....i like it very much...
ReplyDeletethanks for giving this.....
mujhe khusi hui ki aap logo ko pasand aai .thanks for your time and view
ReplyDeleteyaar so sweet ................really its true .
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