HUMARI DOSTI

HUMARI DOSTI
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Monday, January 11

ये बांत है उस रात की ,



ये बांत है उस रात की ,
जब चुपके से मुझसे तुम मिलने आई थी ,
चेहरे को घुंघट मे छिपाकर धीरे से मुस्कराई थी,
फिर तुमने मुझको एक बात बताई थी,
एक मिठाई भी खिलाई थी,

उस रात सब थम सा गया था,
जब तुमने प्यार का इजहार किया था,

तभी मम्मी की आवाज आई
वो मुझे नींद  से जगा गई,
कितना प्यारा सपना था,
तुमने मुझे अपना बनया था,
कितना प्यारा सपना था //

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