HUMARI DOSTI

HUMARI DOSTI
Creative Commons License
This work is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.

Sunday, December 13

जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ








जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ,
                       अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ /


पल भर  मे तुम से पराई हो गई ,
देखो आज किसी और की अपनी हो गई,
भैया भी आज वहां  खड़े है,
न जाने किस सोच मे  पड़े है ,


पापा के लिए दवा थी मै उनके हर गम की,

पर आज  मैंने  भी  उनकी आँखे नम   की ,
बचपन मे जिन गुडियो का खेल खेला है,
आज वही मेरे जीवन मे आई बेला है /




जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ
अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ 


घर का आँगन आज मेरा दामन पकडे खड़ा  है ,
पर आज कोई अजनबी भी  मेरा हाथ  थामे खड़ा  है /


रास्ते मे है वो बचपन की सहेलिया खेल खिलोने,
पर अब  जाने   न  मिल पाऊ मैं उनसे कितने महीने /
आज मेरे  सामने कितनी बड़ी ये उलझन है  ,
माँ मैं तो तुम्हारी आँखों का तारा हूँ,
पापा की राज दुलारी बिटिया हूँ,
पर ये भी सच है ,
मै अब  किसी और के घर की लक्ष्मी हूँ ,
किसी और के घर की खुशिया हूँ /




 ये मेरी   बहना माँ से  उस रात कहती है,
जिस रात उसकी शादी है


जानती हू माँ मै इस घर का एक हिस्सा हूँ
अब  तुम सब के लिए एक किस्सा हूँ 

1 comment:

  1. dil ki gahrayee se nikale shabd hai sis ke.....
    apka blog bahut pyara hai aur blog ka main pic doato ek sath bahut hi pyare ahsaas dilata hua hai

    ReplyDelete