आँखों से दिल की धड़कन तक,
धड़कन से नींदों की khwahish तक
सिर्फ तुम ही तुम नजर आती हो,
मेरा चैन चुरा कर तुम किन
किन यांदो में खो जाती हो?
सांसो मे तुम्हारा नाम
होठो पे प्यार का पैगाम,
क्यों तुम मुझे ये सुकून दे जाती हो
क्यों मुझे इतना तड़पाती हो?
बोलो भला मेरा चैन चुरा कर,
तुम किन यांदो मे खो जाती हो?
तुम्हारे एक झलक से मेरा दिल खिल उठता है,
जैसे फूलो की बहार को तुम एक नया रंग दे जाती हो
अपनी यांदो को मेरे दिल मे खुशबू का संग दे जाती हो
आखिर तुम मुझे क्यों इतना तड़पाती हो
बोलो भला मेरा चैन चुरा कर,
तुम किन यांदो मे खो जाती हो?
वर्ष २०१० नया साल मुबारक हो !
ReplyDeleteचिटठा जगत में आपका स्वागत है , उम्मीद है हम आप एक मजबूत दोस्ती की बुनियाद रखेगे /
इस नए ब्लॉग के साथ नए वर्ष में हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. अच्छा लिखते हैं आप .. आपके और आपके परिवार वालों के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें
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