
क्यों उसके माथे की बिंदिया, उड़ा ले जाती निंदिया ?
क्यों उसके होंठो की मुस्कराहट ,देती है कुछ आहट है ?
क्यों उसके रेशमी बाल, छा जाते घटा बन हर साल ?
न जाने क्यों उसकी हर अदा मे होना चाँहू फ़िदा ?

क्यों लगता है डर मुझको आने वाले कल से ?
क्यों हैं ,मुझे इतना भरोसा उससे ?
क्यों नहीं डरता मै अब किसी हार से,
शायद जादू है ये उसके प्यार का ,
वो मुझे न जाने कितने,
सवालो के जाल मे फँसाती है /
तन्हाई मे भी मुझको हँसाती है,
यकीं है मुझे खुद से ज्यादा उस पर,
अगर गया मै भटक भी तो ,
रहेगी सही राह दिखने के लिए वो यहाँ पर /
क्यों मेरे सवाल इतने उलझे हुए है?
फिर भी ये उसके लिए सुलझे हुए है /
मुझको उसने सिखाया है अपनी तरह जीना,
हर गम को ख़ुशी ख़ुशी सहना /
Apni khwabo ki shehzadi k liye jo tasavvur ha vo kabil-e-tareef ha....
ReplyDeletehappy new yr...
best wishes...